मोदी नरेंद्र मोदी सरकार में लागू होगा वन नेशन वन इलेक्शन बिल जनगणना भी होगी शुरू

15 अगस्त को अपने स्वतंत्रता दिन पर भारत की प्रजा को संबोधित करते हुए प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने एक राष्ट्र एक चुनाव यानी वन नेशन वन इलेक्शन की बात साझा की थी और तर्क दिया था कि बार-बार चुनाव देश की प्रगति और आर्थिकता पर ग्रहण लग रहा है मोदी ने लाल किले से संबोधन करते हुए कहा था देश को आगे बढ़ाने के लिए वन नेशन वन इलेक्शन के लिए आगे आना होगा

बीजेपी के नेतृत्व वाली नेशनल डेमोक्रेसी आलाइंस यानी एनडीए सरकार अपने कार्यकर के दौरान एक देश एक चुनाव यानी वन नेशन वन इलेक्शन लागू करने की सोच रही है सरकारी सूत्रों के हवाले से यह भी कहा जा रहा है जनगणना की कवायत जल्द ही शुरू की जा सकती है और चुनाव के बाद जम्मू कश्मीर को अलग राज्य का दर्जा भी दिया जा सकता है सरकारी सूत्रों के हवाले से मिलती खबर अनुसार मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल में वन नेशन वन इलेक्शन जल्दी ही वास्तविकता में आवश्यकता है
15 अगस्त स्वतंत्रता दिन के भूषण को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सभी राजनीतिक दलों से लाल किले से और राष्ट्रीय तिरंगा को साक्षी मानते हुए देश की प्रकृति सुनिश्चित करने का आग्रह किया था
तीसरे कार्यकाल के चुनाव के दौरान सरकार के अपने घोषणा पत्र में दिए गए मुद्दों में से एक महत्वपूर्ण मुद्दा था एक राष्ट्र एक चुनाव का
100 दिनों के अंदर स्थानीय निकाय चुनाव कराने की सिफारिश भी की गई है
इस साल मार्च में पूर्व प्रेजिडेंट रामनाथ कोविंद जी के अध्यक्षता वाले एक हाई लेवल पैनल ने पहला कदम आगे बढ़ते हुए लोकसभा और राज्यसभा के लिए एक साथ चुनाव कराने की सिफारिश की थी जिसके बाद 100 दिन के भीतर स्थानीय निकाय चुनाव कराने की सिफारिश की गई थी इसके अलावा विधि आयोग सरकार के तीनों स्टार लोकसभा राज्यसभा और स्थानीय निकाय जैसे नगर पालिका पंचायत म्युनिसिपल कॉरपोरेशन के लिए एक साथ चुनाव करने की सुझाव रखा गया था
इस सुझाव को रखते हुए पूर्व प्रेसिडेंट रामनाथ कोविंद की पैनल ने यह बताया था
पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद पैनल ने एक साथ चुनाव करने के लिए कोई समय तय नहीं किया है इसने पैनल की सिफारिश के कार्य वचन को देखने के लिए एक कार्य वचन समूह का निर्माण का प्रस्ताव भी दिया है पैनल ने 18 सविधानिक संसाधनों की सिफारिश की जिसमें से ज्यादातर तो राज्य के विधानसभाओं की ओर से मंजूरी की जरूरत नहीं होगी हालांकि इसके लिए कुछ संवैधानिक संशोधन विषय को की जरूरत रहेगी उन्हें संसद की ओर से पारित करने की भी जरूरत होगी
क्या होगा वन नेशन वन इलेक्शन से फायदा
वन नेशन वन इलेक्शन से सबसे ज्यादा फायदा देश का ही होगा क्योंकि एक समय पर चुनाव कराने में कई संसाधनों को अलग-अलग चुनाव कराने की जगह पर एक समय पर काम में लिया जा सकता है जिससे उसे पर आने वाले खर्च भी काम हो जाएंगे नीति आयोग और चुनाव आयोग का भी समय बच जाएगा राजनीतिक पार्टियों को एक साथ प्रचार करने से कहीं सारे खर्चे से राहत मिलेगी
एक देश एक चुनाव से सबसे ज्यादा फायदा भारत की प्रजा का होगा क्योंकि सारे इलेक्शन एक साथ आएंगे तो भारत की जनता का समय बच सकता है और बार-बार चुनाव में समय जय करने से देश के कहानी क्षेत्र में असर दिखने को मिलता है जिसकी जगह पर निश्चित समय पर एक साथ चुनाव करवाने से समय और संसाधनों दोनों की बचत हो सकती है
PM बनने का प्रस्ताव लेकर Nitin Gadkari के पास आए थे विपक्ष के नेता
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