Web series on Project cheetahएक महाद्वीप से दूसरे महाद्वीप तक का चित्तों का सफर दिखाया जाएगा

सितंबर 17 को Project cheetah (प्रोजेक्ट चिता) के 2 साल पूरे होंगे सितंबर 17 2022 में अफ्रीका में स्थित नामीबिया से चीतों को एयरलिफ्ट करके पहली बार भारत ले गए थे और इसी को लेकर डिस्कवरी नेटवर्क करीबन 170 देश में अलग-अलग भाषाओं में एक Web series दिखाएगा
क्या है Project cheetah (प्रोजेक्ट चिता)
सभी जीवो के प्रति भारत का प्रेम सदा निराला रहा है और ए प्रेम अब पूरी दुनिया भी देखेंगे अफ्रीका महाद्वीप से एशिया महाद्वीप में चित्तों को आप बात करने की पहली घटना पर बनने वाले Project cheetah (प्रोजेक्ट चिता) Web series के प्रस्ताव को केंद्र ने मंजूरी दे दी है इसी Web series को चार भागों में बनाया जा सकता है इसमें चित्तों के विलुप्त के बाद अफ्रीका महाद्वीप से भारत में उन्हें बेसन की कठिन कहानी कहीं जाएगी

सूत्रों से मिलती हुई जानकारी से पता चला है यह Web series सलमान खान संभावित प्रोजेक्ट चीता की दूसरी वर्षगांठ यानी 17 सितंबर से शुरू हो सकती है राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण के उप महा निरीक्षक वैभव चंद्र माथुर ने 21 जुलाई को मध्य प्रदेश के मुख्य वन जीवन वाइल्ड को पत्र जीते हुए कहा था कि प्राधिकरण की तकनीकी समिति ने Project cheetah (प्रोजेक्ट चिता) पर Web series के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई है पत्रों में शेन फिल्म और प्लाटिंग प्रोडक्शन को मानक नियम और शर्तों के अनुसार कोनो राष्ट्रीय उद्यान और गांधी सागर वन्य जीव अभ्यारण के फिल्मांकर करने के सुविधा भी दी जाएगी राज्य के मुख्य वन जीवन वोड़ने 6 अगस्त को एक प्रस्ताव को मंजूरी भी दे दी है
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Project cheetah (प्रोजेक्ट चिता) में क्या-क्या दिखाया जा सकता है
Web series के जरिए चीतों का भारत में लाने में आई गई मुश्किल या और कठिनाइयों को चीता की स्थिति और भविष्य की अपेक्षाओं को बताने के साथ ही लोगों को इस प्रोजेक्ट की तारीख क्यों से भारी जानकारी से अवगत किया जाएगा
Web series बनाने वाले ने परियोजना के क्रिया वन नियम के लिए 50 लख रुपए की वित्तीय सहायक को लेकर मध्य प्रदेश पर्यटन और एमपी टाइगर फाउंडेशन से संपर्क किया था
और इसके जवाब में एक अधिकारी ने कहा था वित्तीय सहायता संभव तो नहीं है लेकिन हम Web series के निर्माण कर के लिए पूरा सहयोग देंगे गौरवतल है कि अब ए अफ्रीका से 20 cheetah (चिता) भारत ले गए हैं
इनमें से पहले सितंबर 2022 को 8 चित्तों को नामीबिया से लाया गया था और बाद में फरवरी 2023 को दूसरे 12 चीतों को अफ्रीका से लाया गया था भारत में हालांकि भारत की वातावरण और परिस्थितियों अनुकूल न होने के कारण भारत आने के बाद 8 वर्ष के चित्तों की मौत हो गई थी
फिर और ले गए थे ज्यादा चीते अफ्रीका से
एक अधिकारी के मत अनुसार भारत में वर्ष के अंत तक दक्षिण अफ्रीका से और चीते लाने का प्रयास में भी तेजी ला दी है इस संबंध में वार्ता के लिए एक प्रतिनिधिमंडल सिग्नेचर दक्षिण अफ्रीका जाएगा सीटों को लाने को लेकर केन्या से भी बातचीत चल रही है भारत में चित्तों को लाने के कार्य योजना में दक्षिण अफ्रीका नवीन भैया और अन्य अफ्रीकी देशों से 5 वर्षों से प्रति वर्ष लगभग 12 से 14 चित्तो लाने की बात की जा रही है
कूनो नेशनल पार्क में क्या हुआ चित्तो के साथ
कूनो नेशनल पार्क में भारत ले जाने के बाद कुछ चित्तो की मौत हो गई थी जबकि उसके बाद कूनो नेशनल पार्क में 17 शावकों का जन्म हुआ था जिसमें से दुर्भाग्य वर्ष 5 शावक की मृत्यु हो गई थी पर 12 शावक अभी जीनदा हैं